Saturday, April 20, 2013

यूँ ही

यूँ ही
कभी-कभी
दिल के झरोखे से
तुम्हारी यादें
सराबोर कर जाती है…

स्वयं से परिचित होने
और स्वयं में ही
ठहर जाने की इच्छा लिए...!!

3 comments:

  1. उनकी यादों से खुद का परिचय मिलना ... प्रेम की सफलता है ...

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  2. बसुन्धरा जी ,,,,मेरे पोस्ट पर आकर कमेंट्स देने के लिए शुक्रिया,
    मेरे ब्लॉग को फालो करे तो मुझे हार्दिक खुशी होगी...आभार

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