Monday, March 30, 2015
तिरते बादलों की
तुम आये..
तुम चले भी गए
सूखे पत्तों के ऊपर
अंजुली उड़ेलते हुये
भागे जा रहे .. ..
तिरते बादलों की
टप्-टप् टप्-टप्
बूंदियों की तरह ... !!
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